नयी शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु
भारत
में नयी शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट की मंज़ूरी 29 जुलाई 2020 को मिल गई है. अब पांचवी कक्षा तक की
शिक्षा मातृ भाषा में होगी.इस नीति में शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6% भाग खर्च किया जायेगा. देश में सबसे
पहली शिक्षा नीति इंदिरा गाँधी द्वारा 1968 में शुरू की गयी थी।
भारत
की नयी शिक्षा नीति 2020 को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 29 अगस्त को मंजूरी दी है. इस नयी शिक्षा
नीति का मसौदा पूर्व इसरो प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की
एक समिति ने तैयार किया है।
नयी
शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु:
1. नयी शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6% खर्च किया जायेगा जो कि अभी 4.43% है.
2. अब पांचवी कक्षा तक की शिक्षा मातृ भाषा में
होगी.
3. मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर
शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. अतः रमेश पोखरियाल निशंक अब देश के शिक्षा मंत्री
कहलाएंगे.
4. लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर समस्त उच्च
शिक्षा के लिए एक एकल निकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग (HECI) का गठन किया जाएगा. अर्थात उच्च शिक्षा
के लिए एक सिंगल रेगुलेटर रहेगा. उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी.
5.छठी
क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे. इसके लिए इच्छुक छात्रों को 6वीं कक्षा के बाद से ही इंटर्नशिप
करायी जाएगी.
6. म्यूज़िक और आर्ट्स को पाठयक्रम में शामिल कर
बढ़ावा दिया जायेगा.
7. ई-पाठ्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय
शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) बनाया जा रहा है जिसके लिए वर्चुअल लैब विकसित
की जा रहीं हैं.
8. वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा में फ़ीसद सकल नामांकन
अनुपात GER (Gross Enrolment Ratio) 50% पहुँचाने का लक्ष्य है जो कि वर्ष 2018 में 26.3% था.
9. नयी शिक्षा नीति 2020 का सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है मल्टीपल
एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम लागू होना. अभी यदि कोई छात्र तीन साल इंजीनियरिंग पढ़ने
या छह सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारण से आगे की पढाई नहीं कर पाता है तो उसको
कुछ भी हासिल नहीं होता है.
लेकिन
अब मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में एक साल के बाद पढाई छोड़ने पर सर्टिफ़िकेट,
दो साल के बाद
डिप्लोमा और तीन-चार साल के बाद पढाई छोड़ने के बाद डिग्री मिल जाएगी. इससे देश में
ड्राप आउट रेश्यो कम होगा.
10. अगर कोई छात्र किसी कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे
कोर्स में एडमिशन लेना चाहें तो वो पहले कोर्स से एक ख़ास निश्चित समय तक ब्रेक ले
सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है और इसे पूरा करने के बाद फिर से पहले
वाले कोर्स को जारी रख सकता है.
11. अभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, डीम्ड यूनविर्सिटी, और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए
अलग-अलग नियम हैं. नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 में सभी के लिए समान नियम होंगे.
12. देश में शोध और अनुसन्धान को बढ़ावा देने के लिए
अमेरिका के NSF (नेशनल
साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर एक शीर्ष निकाय के रूप में नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन (NRF)
की स्थापना की
जाएगी. NRF की
स्थापना का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों के माध्यम से शोध की संस्कृति को बढ़ावा
देना है. यह स्वतंत्र रूप से सरकार द्वारा, एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स द्वारा शासित
होगा और बड़े प्रोजेक्टों की फाइनेंसिंग करेगा.
तो
ये थे भारत की नई शिक्षा नीति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु. उम्मीद है कि इस
नई शिक्षा नीति से देश में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और रटकर पढ़ने की
संस्कृति से बच्चों को छुटकारा मिलेगा.
Reference:
BBC, Daink Jagran, Hindustan News Paper and Aaj Tak etc.
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